क्या यूक्रेन रूस पर करेगा पलटवार? ट्रंप ने जेलेंस्की को दिया चौंकाने वाला ऑफर
✅ हाइलाइट्स:
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ट्रंप ने जेलेंस्की से पूछा – "क्या मॉस्को पर हमला करोगे अगर मैं हथियार दूं?"
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यूक्रेनी राष्ट्रपति ने दिया चौंकाने वाला जवाब।
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रूस-यूक्रेन जंग के बीच अमेरिका का रुख और भी आक्रामक।
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ATACMS जैसी मिसाइलों की डील फिर चर्चा में।
🧨 ट्रंप का धमाकेदार सवाल: मॉस्को पर हमला करोगे?
हाल ही में एक चर्चित कॉल में अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से पूछा:
"अगर मैं तुम्हें ताकतवर हथियार दूं, तो क्या तुम मॉस्को पर हमला करोगे?"
इस सवाल ने पूरी अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा दी है।
🇺🇦 जेलेंस्की का जवाब: "हम तैयार हैं, बस हथियार दो"
इस पर जेलेंस्की ने कहा कि:
“अगर हमें ATACMS और क्रूज मिसाइल जैसे लंबी दूरी के हथियार मिल जाएं, तो हम रूस को उसकी हरकतों का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार हैं।”
यानी, यूक्रेन अब सिर्फ रक्षा नहीं बल्कि आक्रामक रणनीति के लिए भी तैयार है – बशर्ते उसे पर्याप्त ताकत मिले।
🎯 ATACMS और क्रूज़ मिसाइलें: क्यों हैं इतना महत्वपूर्ण?
मिसाइल | रेंज | प्रभाव |
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ATACMS | 300 km | टारगेट को सटीकता से तबाह करती है |
क्रूज़ मिसाइल | 1000+ km | सीमाओं से पार जाकर हमला करने की क्षमता |
इन हथियारों से यूक्रेन रूसी सैन्य ठिकानों को सीधा निशाना बना सकता है, जो अब तक उसकी पहुँच से बाहर थे।
🧩 ट्रंप की रणनीति: क्या अमेरिका बदल रहा है नीति?
ट्रंप का यह सवाल सिर्फ एक राजनीतिक बयान नहीं बल्कि एक नई रणनीति का संकेत है:
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सीधा दबाव: ट्रंप रूस को सीधे निशाना बनाने की बात कर रहे हैं।
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यूरोप की भूमिका: कुछ हथियारों को नाटो के ज़रिए ट्रांसफर किया जा सकता है।
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समय-सीमा की चेतावनी: ट्रंप ने रूस को 50 दिनों में युद्ध रोकने की चेतावनी भी दी है, वरना “भारी टैरिफ” लगाए जाएंगे।
🗣️ अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
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रूस ने ट्रंप के बयान को "खतरनाक उकसावा" बताया है।
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चीन और जर्मनी जैसे देश शांतिपूर्ण वार्ता की बात कर रहे हैं।
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नाटो अभी बयान पर विचार कर रहा है, लेकिन अंदरूनी हलचल तेज है।
🔍 निष्कर्ष: क्या बदलेगा युद्ध का मोर्चा?
ट्रंप और जेलेंस्की की ये बातचीत यह संकेत देती है कि युद्ध अब केवल सीमाओं तक सीमित नहीं रहेगा। अगर यूक्रेन को लंबी दूरी के हथियार मिलते हैं, तो युद्ध का चेहरा पूरी तरह बदल सकता है।
क्या अमेरिका रूस को सीधा सबक सिखाना चाहता है? और क्या जेलेंस्की वाकई मॉस्को तक पहुंच बना पाएंगे? ये आने वाले कुछ हफ्ते तय करेंगे।
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