5KM की दूरी केवल 45 सेकंड में... दुनिया में सिर्फ इतनी ही दुनिया की सबसे तेज़ अंडर वॉटर ट्रेनें हैं!

 5KM की दूरी केवल 45 सेकंड में... दुनिया में सिर्फ इतनी ही दुनिया की सबसे तेज़ अंडर वॉटर ट्रेनें हैं!




 विज्ञान और रफतार का अदबात संगम

आज की दुनिया में हाई-स्पीड ट्रेनों ने यात्रा को आसान नहीं किया ही है बल्कि ना केवल समय पर बचाया है, लेकिन चौंका देने वाली रफ्तार से भी।

सोचिए , मात्र 45 सेकंड में 5 किलोमीटर का सफर! यह कोई साइंस फिक्शन तो नहीं , हकीकत ही है।

 अंडरवॉटर ट्रेनों का इतिहास

दुनिया की पहली अंडरवॉटर रेल सुरंग थेम्स टनल थी, जो 1843 में लंदन में खोली गई थी, यह आज की तकनीक से बहुत पीछे थी, लेकिन यहीं से अंडरवाटर रेल ट्रांसपोर्ट की शुरुआत हुई।

आज दुनिया में कई देशों ने इस तकनीक को जैसे जैसे आजमाया वैसे वैसे इसे अत्याधुनिक बना दिया है जिनमे सबसे आगे है: चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, और यूके।


 दुनिया की सबसे तेज़ submarine train

1. चीन की मैग्लेव ट्रेन (Shanghai Maglev)
रफ्तार: 431km/hr

Distance: 30.5 किमी (some sections Underground/underwater)

समय : केवल 7 मिनट

विशेष: दुनियाँ में सबसे तेज व्यावसायिक ट्रेन जो चुंबकीय शक्ति से चलती हुई है





  सीकैन रेल लिंक (Seikan Tunnel – japan)

दूरी 53.85 km (23.3 km under water)

रफ्तार- 320किमी/घंटा

विशेषता: यह दुनिया की सबसे लंबी अंडरवॉटर रेल सुरंग है जो होंशू और होक्काइडो द्वीपों को जोड़ती है।



  Yamanote Line अंडरवाटर सेक्शन (टोक्यो, जापान)

रफ्तार: 270 किमी. /घंटा

विशेषता: शहर के भीतर ही हाई-स्पीड अंडरग्राउंड लिंक का जिसे स्मार्ट मैनेजमेंट सिस्टम से नियंत्रित करा जाता है।

 Channel Tunnel (UK – Fr).

लंबाई: 50.45 km (37.9 km Submarine)

Speed: 300 Km/Hr

विशेषता : इंग्लैंड और फ्रांस को जोड़ती है , यूरोस्टार संचालित होती है।


Busan-Geoje Fixed Link ( दक्षिण कोरिया )

प्रकार अंडरवॉटर टनल + ब्रिज

लंबाई: 8.2Km टनल

RPH: लगभग 250 किमी /घंत

विशेषता: आधुनिक सुरक्षा विशेषताएँ और इको - फ्रेंडली डिज़ाइन।


5 किमी / 45 सेकंड – यह कैसे हो गया ?


चीन में और जापान में मैग्लेव (Magnetic Levitation) तकनीक के द्वारा ट्रेन को ट्रैक से ऊपर उठाया जाता है, जिससे घर्षण (friction- friction) का खतरा न के बराबर होता है।

तेज़ रफ्तार

कम ऊर्जा खर्च

ज़ीरो वाइब्रेशन

शांत यात्रा

संभावित गणना:

रफ्तार= दुरी /समय
5क मी/ 45 सेकंड = 40० किमी/घंटी

यानी कुछ हाई- स्पीड अंडरवॉटर ट्रेनें वास्तव में 400+ किमी/घंटा की रफ्तार से आगे बढ़ रही होती हैं।

भविष्यवाणी : 2045 तक तकनीक हाइपरलूप और अंडरवाटर

एलन मस्क द्वारा विकसित की जा रही Hyperloop टेक्नोलॉजी भविष्य में अंडरवाटर टनल्स में भी इसका उपयोग किया जा सकता है, जिससे कि 1000+ किमी/घंटा कि स्पीड से यात्रा की जा सके।




निष्कर्ष:

ज़मीन, हवा और पानी को तीनों ही माध्यमों में सुपरस्पीड यात्रा की दिशा में दुनिया भाग रही है। अंडरवॉटर ट्रेन का समय आ गया है जो न तो सिर्फ क़ीमती समय बचाएंगी और न ही पर्यावरण के हिसाब से असुरक्षित रहेंगी आदि।










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