भारत बनाम इंग्लैंड तीसरे टेस्ट 2025 में भारत को 22 रन से हार मिली। पढ़िए पूरी स्कोरबोर्ड रिपोर्ट, हाइलाइट्स और जडेजा की पारी का विश्लेषण।
14 जुलाई 2025, सोमवार
क्रिकेट प्रेमियों के लिए आज का दिन बेहद निराशाजनक रहा, जब भारत को इंग्लैंड के खिलाफ हुए टेस्ट मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा। यह मुकाबला क्रिकेट के सबसे पारंपरिक और प्रतिष्ठित फॉर्मेट — टेस्ट क्रिकेट — का था, जहां दोनों टीमों के बीच गहरी टक्कर देखने को मिली, लेकिन अंत में जीत इंग्लैंड की झोली में गई।
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मैच का संक्षिप्त सारांश:
भारत ने पहली पारी में अच्छी शुरुआत की थी, लेकिन मध्यक्रम के बल्लेबाजों के लगातार विकेट गिरने से टीम बड़ा स्कोर नहीं बना सकी। टॉप ऑर्डर ने कुछ उम्मीदें जगाईं, लेकिन इंग्लिश गेंदबाजों ने सधी हुई गेंदबाज़ी से भारत को बांध कर रखा।
वहीं इंग्लैंड ने अपनी पहली पारी में दमदार बल्लेबाज़ी करते हुए भारत पर बढ़त बना ली। इंग्लिश कप्तान और मिडिल ऑर्डर के बल्लेबाजों ने हालात का फायदा उठाते हुए शानदार पारियाँ खेलीं।
दूसरी पारी में भारत को इंग्लैंड की बढ़त खत्म करनी थी, लेकिन बल्लेबाज़ी एक बार फिर लड़खड़ा गई। कुछ खिलाड़ियों ने संघर्ष किया, मगर कोई बड़ी साझेदारी नहीं बन सकी। अंततः भारत एक मामूली स्कोर पर सिमट गया और इंग्लैंड को आसान लक्ष्य दे बैठा।
हार के मुख्य कारण:
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मध्यक्रम की नाकामी: भारत का मिडिल ऑर्डर लगातार फ्लॉप रहा, जिससे स्कोरबोर्ड नहीं बढ़ सका।
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बॉलिंग में धार की कमी: इंग्लैंड के बल्लेबाजों को जल्दी ब्रेक नहीं किया जा सका, जिससे उन्होंने बड़ा स्कोर खड़ा कर लिया।
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फील्डिंग में चूक: कुछ अहम कैच और रनआउट के मौके भारत ने गंवाए, जो मैच का रुख मोड़ सकते थे।
क्रिकेट फैंस की प्रतिक्रिया:
सोशल मीडिया पर फैंस ने टीम की रणनीति पर सवाल उठाए हैं। कई लोगों ने चयन नीति, कप्तानी और गेंदबाजी संयोजन को लेकर नाराज़गी जाहिर की है।
आगे का रास्ता:
भारत के पास अब अगले मैच में वापसी का मौका है। कोच और टीम मैनेजमेंट को ज़रूरी बदलाव करने होंगे ताकि अगली बार जीत की लय में वापसी हो सके।
🧠 जडेजा की पारी का विश्लेषण: एक अकेले योद्धा की लड़ाई
जब टीम इंडिया के एक के बाद एक विकेट गिरते चले गए और मैच इंग्लैंड की पकड़ में दिखने लगा, तब क्रीज पर एक नाम डटा रहा — रविंद्र जडेजा।
इस टेस्ट मुकाबले में उन्होंने दूसरी पारी में नाबाद 61 रन की शानदार पारी खेली। यह पारी सिर्फ रन बनाने तक सीमित नहीं थी — यह एक "resistance" थी, एक "statement" थी, कि भारत की जड़ें इतनी भी कमजोर नहीं हैं।
⚔️ दबाव में खेली गई पारी:
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जब भारत का स्कोर 82/7 था, तब हार लगभग तय मानी जा रही थी।
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जडेजा ने धैर्य, तकनीक और अनुभव का बेहतरीन मिश्रण दिखाया।
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उन्होंने बॉल को चुन-चुन कर खेला, गलत शॉट से बचा और जो रन लिए, वो पूरे आत्मविश्वास से थे।
🔗 बिना सपोर्ट के बनी मजबूत पारी:
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निचले क्रम से उन्हें ज्यादा सहयोग नहीं मिला, लेकिन उन्होंने टेलेंडर्स के साथ भी रन जोड़ने की कोशिश की।
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खास बात यह रही कि उन्होंने अपनी विकेट की कीमत समझी और अंत तक नाबाद रहे।
🧬 मानसिक दृढ़ता की मिसाल:
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टेस्ट क्रिकेट में असली परीक्षा मानसिकता की होती है — और इस पारी में जडेजा एक सच्चे फाइटर की तरह उभरे।
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उन्होंने सिर्फ इंग्लैंड की गेंदबाज़ी का सामना नहीं किया, बल्कि पूरा भार उठाया उस समय जब कोई और टिक नहीं पा रहा था।
जडेजा की यह पारी भले ही भारत को जीत नहीं दिला सकी, लेकिन उन्होंने बता दिया कि एक सच्चा खिलाड़ी नतीजों से नहीं, अपने जज़्बे से पहचाना जाता है।
उनकी यह संघर्षपूर्ण पारी लंबे समय तक याद रखी जाएगी, खासकर तब जब बाकी बल्लेबाज़ संघर्ष करते दिखे।
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